कभी कभी जन्मकुंडली में अपवाद देखने को मिलते हैं | हमारे अम्बाला के एक पंडित जी से मेरी बात चल रही थी उनकी जन्मकुंडली में गुरु कर्क राशि में नौवें घर में है | गुरु कर्क राशि में उच्च का होता है | उच्च का गुरु राजयोग बनाता है | यदि केंद्र में उच्च का गुरु में हो तो पञ्च महापुरुष में से एक हंस नामक योग बनता है | इस योग में मकान, वाहन, ऐश्वर्य, यश और प्रतिष्ठा आदि सभी कुछ जातक को उपलब्ध होता है | परन्तु इन सभी चीजों के लिए पंडित जी आज तक तरस रहे हैं | विद्वान हैं इनका गणित अच्छा है ज्ञान की कोई कमी नहीं है परन्तु यह सब होने के बावजूद हंस योग कहाँ खो गया समझ में नही आता |
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कुंडली को और ध्यान से देखने पर पता चला की गुरु के अंश भी २१ हैं यानी यहाँ भी कोई कमी नहीं है | गुरु की महादशा आकर चली गई परन्तु कुछ ख़ास फल नहीं मिला | परन्तु इन बातों का सीधा सा जवाब वैदिक ज्योतिष में है भी नहीं | कम से कम मुझे तो इसका ज्ञान नहीं है | परन्तु यदि लाल किताब में इस विषय में बहुत आसान सा नियम है | यदि कोई ग्रह अकेला है और उस पर किसी ग्रह की कोई दृष्टि नहीं है तो उस ग्रह को सोया ग्रह कहते हैं | सोया ग्रह उच्च राशि में हो या नीच राशि में, उसका कोई फल जातक को नहीं मिल पाता | सोया ग्रह राजयोग को निगल लेने में सक्षम होता है | सुप्त ग्रह लग्न में हो तो व्यक्ति अपने शरीर से बहुत परेशान रहता है | या तो बहुत मोटा या बहुत पतला या फिर काय ऐसी हो जाती है कि व्यक्ति सुन्दर लोगों को देखते ही हीन भावना से घिर जाता है | दुसरे घर में सोया ग्रह हो तो पैसा कितना भी आ जाए उस पैसे का उपयोग व्यक्ति स्वयं नहीं कर पाता | उस पैसे का भोग दूसरे व्यक्ति करते हैं | तीसरे घर में सोया ग्रह हो तो व्यक्ति हर काम में बुरी तरह असफल रहता है | कोई भी काम बिना रुकावट के नहीं हो पाता | मित्रों से बार बार धोखा मिलता है | चौथे घर में कोई सोया ग्रह हो तो माता पिता का सुख व्यक्ति को न के बराबर मिलता है | कोई जमीन मकान या प्रापर्टी बरसों तक ऐसे ही पड़ी रहती है उसका कोई उपयोग नहीं हो पाता | न बिकती है न उस पर कोई construction होती है | पांचवें घर में कोई सोया ग्रह हो तो प्रेम में बार बार धोखा मिलता है | सच्चे प्रेम को तवज्जो नहीं मिलती | पढ़ाई लिखाई भी किसी काम नहीं आती | व्यर्थ में व्यक्ति अपनी मेहनत की कमाई को लुटा देता है | नालायक संतान होती है और संतान के भविष्य की चिंता सदैव बनी रहती है | छठे घर में सोया ग्रह हो तो व्यक्ति लम्बे समय तक बीमार रहता है या बीमार की सेवा करता है | घर में से दवैया ख़त्म होने का नाम नहीं लेती और बीमारी, इलाज, अस्पताल का मुह रोज देखने को मिलता है | अस्पताल में नौकरी या दवाई की फेक्ट्री में ऐसे ही व्यक्ति काम करते देखे गए हैं | सुप्त ग्रह या सोया ग्रह यदि सातवें घर में है तो शादी के लिए जीवन का एक हिस्सा गुजर जाता है और शादी की तमन्ना भी ख़त्म हो जाती है | आठवें घर में कोई ग्रह सोया हो तो विदेश में बरसों भटकने के बावजूद व्यक्ति को कुछ प्राप्त नहीं होता | व्यक्ति का मृत्यु से बार बार साक्षात्कार होता है परन्तु उम्र लम्बी होती है | नौवें घर में सोया ग्रह हो तो बहुत धर्म कर्म करने के बावजूद व्यक्ति को उसका फल नहीं मिलता | पूरी उम्र व्यक्ति धार्मिक रहता है परन्तु पूजा पाठ का पूरा फल कभी नहीं मिलता | भाग्य की जहाँ जरूरत होती है वहां कुछ न कुछ उल्टा हो जाता है | व्यक्ति सफलता से एक कदम हमेशा पीछे रहता है | दसवें घर का सोया ग्रह व्यक्ति को आलसी बना देता है | या तो नौकरी ऐसी होगी जहाँ समय न कटे या फिर ऐसी जगह व्यक्ति काम करता है जहाँ से भागने को मन करे | व्यक्ति लम्बे समय तक बोरियत महसूस करता है | ग्यारहवें घर में सोया ग्रह हो तो व्यक्ति का जीवन अशुभ समाचार से भर जाता है | आय इतनी होती है जिससे केवल गुजारा चल सके | बारहवें घर में सोया ग्रह व्यक्ति की नींद उड़ा देता है | नींद में कमी या दिन में भी नींद जैसी स्थिति होती है | व्यक्ति रोज बुरे स्वप्न देखता है | पैर में बार बार चोट लगती है बल्कि एक ही जगह पर कई बार जख्म होता है | कोई दोस्त या रिश्तेदार षड्यंत्र रचता है जिसमे व्यक्ति फंस जाता है या फिर किसी अपने से बहुत बाधा धोखा होता है | व्यक्ति को अपने साथ होने वाली घटनाओं का अंदेशा नहीं होता | सोया ग्रह हमेशा सोया ही रहे ऐसा नहीं है परन्तु उसे जगाने के ग्रह योग कुंडली में होने आवश्यक हैं | यदि इस विषय पर पाठकों के कोई सुझाव या प्रश्न हैं तो अपने अवश्य अनुभव भेजें | अशोक प्रजापति | [vfb id=’1′]

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सोया ग्रह | gunmilan · March 28, 2014 at 7:42 am

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