आपकी बेटी की रिश्ते की बात चल रही होती है तो एक तरफ आपको लड़के वालों की हाँ का इन्तजार होता है तो वहीं दूसरी ओर अपनी बेटी के भविष्य की चिंता होती है | साथ ही कहीं न कहीं मन में यह भी होता है कि कहीं रिश्ता बनते बनते न रह जाए | जब तक शादी हो न जाये हर किसी के लिए विपरीत पक्ष का हर व्यक्ति महत्वपूर्ण होता है | जरा जरा सी चीजों का ध्यान रखा जाता है | फिर भी कभी कभी रिश्ते की बात बनते बनते बीच में ही रह जाती है | इस लेख के माध्यम से मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूँ कि ज्योतिष के अनुसार कौन से योग हैं जो रिश्तों को तोड़ते हैं और क्या ऐसे उपाय हैं जिन्हें अपना कर हम रिश्ते को शादी की ओर ले जा सकते हैं |
अपनी जन्मकुंडली स्वयं पढने के लिए याद रखें ज्योतिष के यह मूल सिद्दांत (Basics of Horoscope Reading)
जन्मकुंडली का सातवाँ घर विवाह से सम्बन्ध रखने वाली हर चीज का होता है चित्र में कुंडली का सातवाँ घर दिखाया गया है | सभी खानों में एक अंक लिखा रहता है | वह राशि होती है | कुंडली के कुछ खाने खाली भी हो सकते हैं | इसमें कोई चिंता का विषय नहीं है |
कुंडली में शुभ और अशुभ (Banefic & Malefic) दो प्रकार के ग्रह होते हैं | शुभ ग्रह सातवें घर को शुभता प्रदान करते हैं तो अशुभ ग्रह सातवें घर या विवाह और जीवनसाथी से जुडी हर चीज के लिए बाधक का काम करते हैं |
सूर्य, मंगल, शनि, राहू यह सब अशुभ ग्रह माने जाते हैं | चन्द्र, बुध, शुक्र और बृहस्पति यह सब शुभ ग्रहों की श्रेणी में आते हैं | किसी स्थान में बैठा ग्रह अपने घर से सातवें घर पर दृष्टि रखता है | ग्रहों की दृष्टि का भी उतना ही महत्व होता है जितना ग्रह के किसी स्थान में बैठने का होता है | गुरु, मंगल और शनि सातवें घर के अतिरिक्त भी दृष्टि रखते हैं | गुरु की दृष्टि अपने घर से पांचवें, सातवें और नौवें घर पर होती है | मंगल अपने घर से चौथे, सातवें और आठवें घर पर दृष्टि रखता है | शनि अपने घर से तीसरे, सातवें और दसवें घर को देखता है | इसके अतिरिक्त राहू और केतु भी अपने घर से पांचवें और नौवें घर को देखते हैं | इन दोनों ग्रहों को छाया ग्रह माना जाता है इसलिए अधिकाँश ज्योतिषी इनकी दृष्टि की भी गणना नहीं करते | परन्तु मैं स्वयं इन दोनों ग्रहों को छाया ग्रह नहीं मानता हूँ क्योंकि अनुभव में मैंने इनकी दृष्टि का प्रत्यक्ष प्रभाव देखा है |
ज्योतिष के यह मूल सिद्धांत याद रखकर आप भी अपनी कुंडली स्वयं पढ़ सकते हैं |
सातवें घर पर पृथकताजनक (Separative Planets) ग्रहों का प्रभाव
सूर्य, बुध और राहू पृथकताजनक ग्रह हैं | इनके अतिरिक्त बारहवें घर में जो राशि होती है उस राशि का स्वामी ग्रह भी पृथकता जनक ग्रह होता है | दो या दो से अधिक पृथकताजनक ग्रह यदि एक साथ हों तो जिस जगह पर बैठेंगे उससे सम्बन्धित चीजों से आपको अलग कर देंगे | यदि माता के स्थान यानी चौथे घर में बैठेंगे तो आपको अपनी माँ से अलग कर देंगे | सातवें घर में बैठे दो या दो से अधिक पृथकता जनक ग्रह आपको अपने जीवन साथी से अलग कर देंगे |
क्यों टूटते हैं रिश्ते
अशुभ ग्रहों का सातवें घर में होना ही रिश्तों के टूटने का कारण बनता है | अशुभ ग्रह केवल चार हैं परन्तु कभी कभी पचास जगह भी बात नहीं बनती | ऐसा तब होता है जब एक ग्रह जो सातवें घर को नुक्सान पहुंचा रहा है उसकी दशा अन्तर्दशा या गोचर में आपकी राशि पर भ्रमण चल रहा हो |
ग्रहों के फल देने का एक निश्चित समय होता है | जन्मकुंडली में विमशोत्तरी महादशा के नाम से एक कालम होता है जिसमे यह सब समय विवरण दिया रहता है |
जब जातक का जन्म होता है उस समय की ग्रह स्थिति को नोट कर लिया जाता है जिसे जन्मकुंडली कहते हैं | ग्रह आकाशमंडल में भ्रमण करते रहते हैं | सभी ग्रह जिस राशि जिस अंश जिस स्थिति पर आज या वर्तमान में चल रहे हैं उसे गोचर कहते हैं |
ग्रह के काल में जितने रिश्ते होंगे उनका कोई परिणाम नहीं होगा यदि होगा तो ठीक उल्टा होगा | यानी रिश्ता टूटना या फिर किसी वजह को लेकर इनकार आदि |
इस विषय पर एक किताब लिखी जा सकती है परन्तु समयाभाव के चलते केवल इतना ही कहूँगा कि सातवें घर में बैठे अशुभ ग्रह के समय में पहली बात तो रिश्ता होता नहीं है फिर यदि हो जाता है तो उसके अधिक देर तक टिके रहने पर संदेह होता है |
नीचे दी गई कुंडली एक ऐसी महिला की है जो पेशे से सॉफ्टवेयर इन्जीनियर है | सुन्दर और प्रतिभाशाली होने के साथ साथ मुंबई में एक प्रतिष्ठित परिवार में रहती है | किसी तरह की कोई कमी नहीं है | जब शादी की सही उम्र थी उस समय शादी नहीं की | अब तैंतीस साल की उम्र है और हर जगह सोच विचार कर जवाब दिया जाता है | कहीं स्वयं मन नहीं मानता तो कहीं दुसरे पक्ष से कोई जवाब नहीं आता | वर्तमान में पृथकता जनक ग्रह राहू की महादशा चल रही है जो अगले वर्ष जुलाई में समाप्त होगी | कुंडली में देखें तो राहू, शनि, सूर्य तीन ग्रह सातवें घर को नुक्सान पहुंचा रहे हैं | सूर्य पृथकता जनक ग्रह है जो सातवें घर में ही मौजूद है और राहू की दृष्टि सातवें घर और सूर्य पर है | यहाँ केवल मंगल अपना शुभ प्रभाव देगा क्योंकि सातवें घर पर मंगल की दृष्टि तो है परन्तु राशि नंबर आठ वृश्चिक होती है जो कि मंगल की अपनी राशि है |
परिहार (Pariharam)
सातवें घर में जो ग्रह अशुभ हैं उससे सम्बंधित उपाय कारगर साबित होते हैं | सूर्य, मंगल, शनि और राहू इन चार ग्रहों से सातवें घर को नुक्सान होता है | सूर्य यदि रिश्ते में रुकावट पैदा कर रहा हो तो आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ कीजिये | रविवार से प्रारम्भ करके चालीस दिन तक प्रतिदिन सूर्योदय के समय लाल आसन पर बैठ कर पाठ आरम्भ करें | आदित्य ह्रदय स्त्रोत वह अचूक अस्त्र है जो श्रीराम ने रावण से युद्ध करने से पहले किया था |
मंगल यदि विवाह के लिए बाधक ग्रह हो तो किसी भी मंगलवार से शुरू करके नीचे लिखे मन्त्र की पांच माला प्रतिदिन करें | चालीस दिन का संकल्प लें और प्रतिदिन श्रद्धा के साथ मूंगे की माला से लाल आसन पर बैठ कर पूरे चालीस दिन जप करें | मंगल जनित कुप्रभाव केवल कुछ ही दिनों में शांत हो जाएगा | परन्तु जब को जारी रखें और अंतिम दिन ब्राह्मण को मीठा सहित भोजन कराएं |
राहू की शान्ति के लिए सलोनी गोमेद धारण करना ही पर्याप्त होगा | फिर भी पाठक राहू मन्त्र को शनिवार से प्रारम्भ करके चालीस दिन तक पढ़ें तो राहू जनित पीड़ा से मुक्ति मिलती है | विवाह में आ रहा अवरोध समाप्त होता है |
शनि यदि विवाह में बाधा डाल रहा हो तो एक नारियल का गोला लें | उसे ऊपर से दस प्रतिशत काट लें ताकि एक ढक्कन की तरह बन जाए और नारियल में छेद हो जाए | फिर गेहूं के आते को देसी घी और चीनी मिलकर भून लें | इस मिश्रण को गोले में भरलें और निर्जन स्थान पर जहाँ चींटियाँ दिखें, कहीं आस पास गड्ढा खोद कर दबा दें | इस उपाय से शनि जनित दोष से मुक्ति मिलेगी और यदि शनि विवाह में बाधा डाल रहा है तो शीघ ही शादी का योग बनेगा | अनुभव सिद्ध यह उपाय सैकड़ों बार आजमाया जा चुका है |
इस आर्टिकल के सम्बन्ध में अपनी राय नीचे दिए गए कमेन्ट बाक्स में लिखकर भेजें | आपके प्रश्न, आपके सुझाव और आपकी किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया पर विशेष ध्यान दिया जाएगा | बाकी श्री राम जी कि इच्छा |
अशोक प्रजापति |
[vfb id=’1′]
Second Marriage Predictions After Divorce Marriages are made in heaven. But it is also true that not all marriages are successful. Not all couples are meant to stay together for life. Only Astrology tells you Read more…
Marriage With Astrology : International & Local As soon as you come of age, your parents start looking for a suitable match for you. Most people are curious to know where their potential life partners Read more…
If you are waiting for your marriage this question will arise in your mind that when will I get married and to whom the Indian Astrology can answer all about your marriage by date of Read more…